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कुबुद्धि के फोॅल / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय
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मेंढ़की नें
पड़ोसनी मेंढ़की सें कहलकै
हिम्मत छौ तेॅ बाहर निकल
दोनों बाहर निकैल के लड़ेॅ लागलै
इन्नें सांप इन्तजार में रहै
समझावै के बहाना अेकरोॅ निकट गेलै
आरो बारी-बारी सें दोनों के निगैल गेलै।