जन्म : चौगाई, बक्सर बिहार में 4 जनवरी, 1928 बीसवीं सदी के चर्चित कवियों में महत्वपूर्ण नाम। प्रतिबद्ध सामाजिक मूल्यों के प्रतिनिधि रचनाकार और चिंतक । काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से एम.ए. (हिन्दी) करने के बाद बम्बई के एक कालेज में, और फिर कलकत्ता के एक स्कूल में अध्यापन। 1969 से 1990 तक पटना के अनुग्रह नारायण कालेज में हिन्दी के व्याख्याता रहे। प्रमुख पत्रिकाओं में कविताएँ विश्लेषणात्मक निबन्ध, वैचारिक लेख, संस्मरण, आदि प्रकाशित। उत्तेजक साहित्यिक बहसों में अनेक बार गंभीर शिरकत की। नब्बे के दशक में मृत्यु के बाद हिन्दी की कई पत्रिकाओं ने कुमारेन्द्र पर विशेषांक निकाले।