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कुमुदिनी के फूल / मिंग दी

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सुबह-सुबह
खिलते हैं
सैकड़ों की संख्या में

बन्द हो जाते हैं
रात को

सैकड़ों नज़रें
उन्हें देखती हैं

बदलाव होता है उनमें
सैकड़ों बार