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कुरड़ी कूड़ा मां गेरती, कुरड़ी लागी आग / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
कुरड़ी कूड़ा मां गेरती, कुरड़ी लागी आग
जोबन झरवै मां एकला
धोती आई सूकती यो बाहमण आया लणिहार
जोबन झरवै मां एकला
नां जां नां जां मां सासरे इस बाहमणे की साथ
जोबन झरवै मां एकला
लाठी आई बाजती यो ससुरा आया लणिहार
जोबन झरवै मां एकला
नां जां नां जां मां सासरे इस बुड्ढे के साथ
जोबन झरवै मां एकला
हाथी आया झूमता पिया आए लणिहार
जोबन झरवै मां एकला
जां गी जां गी मां सासरे इस प्रीतम के साथ
जोबन झरवै मां एकला