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कुरहि खेत बाबा मटिया मँगायब / अंगिका लोकगीत
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♦ रचनाकार: अज्ञात
कुरहिं<ref>जोता-कोड़ा खेेत</ref> खेत बाबा मटिया<ref>मिट्टी</ref> मँगायब, मटियहिं बेद<ref>वेदिका</ref> बनायब, जनकपुर माड़ब हे।
तहिं माड़ब बैठलन बाबा कवन बाबा, बरुआ<ref>वह कुमार, जिसका उपनयन हो रहा हो</ref> लेल जाँघ चढ़ाय, जनकपुर माड़ब हे॥1॥
अतिहर<ref>‘गोतिहर’ का अनुरणानात्मक प्रयोग</ref> नेवतब गोतिहर<ref>गेातिया के घर, गोतिया लोगों को; अपने गोत्र वालों को</ref> नेवतब, नेवतब कुल परिबार, जनकपुर माड़ब हे।
नेवतब बाबा बैजनाथ, जनकपुर माड़ब हे॥2॥
सौंसे<ref>समूचे</ref> जनकपुर जै जै बोलू, जै जै कुल परिबार, जनकपुर माड़ब हे।
जै जै बाबा बैजनाथ, जनकपुर माड़ब हे॥3॥
शब्दार्थ
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