कुशल क्षेम उसके ही हाथों रखा है
जनम दे जो संसार में भेजता है
जो कूदा अतल सिंधु गहराइयों में
उसे मोतियों का मिला सिलसिला है
सफलता अगर मिल न पायी भी तो क्या
न रुक कोशिशों का भी अपना मजा है
जला दे दिया हाथ ले ज्ञान बाती
कहाँ रोशनी में अँधेरा रहा है
अगर आज तूफान आता है आये
तेरे साथ में तो तेरा नाखुदा है