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कूज़ा-ग़र / फ़रहत एहसास

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ऐ कूज़ा-ग़र!
मिरी मिट्टी ले
मेरा पानी ले
मुझे गूँध ज़रा
मुझे चाक चढ़ा
मुझे रंग-बिरंगे बर्तन दे