भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कूलन में केलि में कछारन में कुंजन में / पद्माकर
Kavita Kosh से
कूलन में केलि में कछारन में कुंजन में
क्यारिन में कलिन में कलीन किलकंत है
कहे पद्माकर परागन में पौनहू में
पानन में पीक में पलासन पगंत है
द्वार में दिसान में दुनी में देस-देसन में
देखो दीप-दीपन में दीपत दिगंत है
वीथिन में ब्रज में नवेलिन में वेलिन में
वनन में बागन में बागर्-यो बसंत है