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कृष्ण सुदामा चरित्र / शिवदीन राम जोशी / पृष्ठ 22
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जय बोलो कृष्ण सुदामा की,
जय बोलो कृष्ण मुरारी की |
बोलो शिवदीन सदा जय हो,
वृज वल्लभ कुंजबिहारी की |
धार्मिक ज्ञान-निधान सदा, परि पूरण धीरज राखन वारे |
शील विचारान के सज भूषण भक्त वही गुण को उर धारे |
कृष्ण दया दुःख दूर भयो जस मीत सुदामा भये सुखियारे |
मंत्र पुनीत यही शिवदीन सदा मन मोहन नाम उचारे |
सदा सुमंगल मंगलम मंगल रूपी राम |
भक्तन के भगवत धनी भज मन राध्येश्यम ||
|| इति शिवदीन राम रचित भक्त सुदामा चरित ||