मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
केकरा सुमरि कऽ परेमियाँ घर सँ रओ बहार भेलै
केकरा सुमरि कऽ घेलें राह
केकरा सुमरि कऽ परेमियां रेलबा पर चढ़लें, रओ की
केकरा सुमिर कऽ धेलेँ जहाज?
माताजी के सुमरि कऽ परेमियां घर सँ रओ बहार भेलौं
पिताजी सुमरि कऽ धेलहुँ राह
काली माइ के सुमरि कऽ परेमियां रेलबा पर चढ़लौं, रओ को
गंगा माइ सुमरि कऽ धेलौं जहाज।