भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

केकरोॅ बीहा कन्नें / अमरेन्द्र

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कोसा कोसी भादोॅ मासी
हिरिया के बीहा कन्नें ?

जहाँ कर्ण रोॅ राज विराजै
बिहुला आरो बाला राजै
चन्दनबाला के भूमि जे
वासुपूज्य रोॅ वाणी बाजै
ऋषि ऋंगी रोॅ जन्मभूमि आ
तपोभूमि छै जन्नें,
हिरिया के बीहा हुन्नें ।

कोसा कोसी भादोॅ मासी
जिरिया के बीहा कन्नें ?

जहाँ हिन्दी रोॅ पहिलोॅ आखर
लिखलेॅ छेलै ज्ञान दीपंकर
जहाँ बैठी सौ ग्रंथ लिखलकै
सरपाद, शबरपा धुरन्धर
विक्रमशील विश्वविद्यालय
कभी विराजै जन्नें,
जिरिया के बीहा हुन्नें ?

कोसा कोसी भादोॅ मासी
खखरी के बीहा कन्नें ?


जहाँ विष्णु जीं मधु हनलकै
रुद्रासन अभियो भी झलकै
जहाँ राम जीं मूर्ति विष्णु रोॅ
स्थापित करी पूजा कैलकै
चैदह रत्न दुहैवाला
मन्दार विराजै जन्नें,
खखरी के बीहा हुन्नें ।

कोसा कोसी भादोॅ मासी
खखरी के बीहा कन्नें ?

जहाँ उठै सब भोर-विहानै
एक्को बाँध नै कोशी मानै
भैरु काका भरी जाल में
किसिम-किसिम के मछली छानै
माय कताने बूली-बूली
लोरी गावै छै जन्नें,
खखरी के बीहा हुन्नें ।