सुबह में डूबी मुसकान
मुसकान में डूबी केन
केन में डूबा मैं
मुझमें डूबा सौंदर्य
सौंदर्य में डूबी तुम
तुम में डूबा दिग्गेश
आदि से अंत तक
यही है परिवेश
रचनाकाल: ०५-१०-१९६५
सुबह में डूबी मुसकान
मुसकान में डूबी केन
केन में डूबा मैं
मुझमें डूबा सौंदर्य
सौंदर्य में डूबी तुम
तुम में डूबा दिग्गेश
आदि से अंत तक
यही है परिवेश
रचनाकाल: ०५-१०-१९६५