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केवल यहाँ सरकार है / बुद्धिनाथ मिश्र
Kavita Kosh से
बिजली नहीं, पानी नहीं
केवल यहाँ सरकार है।
इस राज की सानी नहीं
केवल यहाँ सरकार है।
यह भूमि है देवत्व की
अजरत्व की, अमरत्व की
कर्ता नहीं, ज्ञानी नहीं
केवल यहाँ सरकार है।
सदियाँ गयीं तटवास में
पैसा न कौडी पास में
धारा कभी जानी नहीं
केवल यहाँ सरकार है।
शिक्षा, चिकित्सा, न्याय भी
है अपहरण व्यवसाय भी
होती है हैरानी नहीं
केवल यहाँ सरकार है।
विश्वास की भाषा मरी
वरदान की आशा मरी
चलती है परधानी नहीं
केवल यहाँ सरकार है।