कैथलीघाट / कुमार कृष्ण
कल तक विश्वास था मुझे
जब तक रहेगी धरती
तब तक रहेगा कैथलीघाट<ref>कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग पर वह जगह जहाँ कवि रहता है</ref>
आज जान चुका हूँ मैं इस धरती का सच
किसी वक़्त भी आ सकता है कोई जयप्रकाश
या फिर कोलम्बस की दुनिया का कोई आदमी
जैसे बिक गया वाकनाघाट<ref>राष्ट्रीय राजमार्ग 22 से सटा वह स्थान जहाँ हाल ही में जे.पी. विश्वविद्यालय बना है</ref>, बिक गया दियुंघाट<ref>राष्ट्रीय राजमार्ग 22 पर वह जगह जहाँ लगभग सौ बीघा ज़मीन पर प्रदेश का सबसे महँगा लग्जरी होटल 'डेस्टीनेशन' बना है</ref>
बिक गया महाराष्ट्र में लवासा
बिक गया दाड़लाघाट<ref>हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले का वह स्थान जहाँ अंबुजा सीमेंट कारखाना स्थापित किया गया है</ref>
बिक गया कुल्लू का सौ एकड़ वाला गाँव
बिक गया मलाजखंड, दिल्ली-राजहरा
बिक गया कोरबा, मुक्तिबोध का राजनांदगाँव
वैसे ही बिक जाएगा एक दिन कैथलीघाट
कोई नहीं जान पाएगा यह बात-
यहाँ 'सत्यप्रिया' में रहने वाला लिखता था-
ज़िन्दगी के असंख्य गीत
पता नहीं तब क्या नाम होगा इस जगह का
मेरे देखते ही देखते गौड़ा<ref>हिमाचल प्रदेश के सोलन, शिमला और सिरमौर जिलों का सन्धि-स्थल जहाँ दो पहाड़ी नदियों का संगम है</ref> बन गया यशवन्त नगर
सावड़ा<ref>शिमला जिले के हॉट कोटी नाम से प्रसिद्ध स्थान जहाँ इन दिनों बिजली-परियोजना पर काम चल रहा है</ref> सरस्वती नगर
मेरे देखते ही देखते-
ग़ायब हो गयी कैथलीघाट से लालटेन
ग़ायब हो गयी हुकुमचन्द की दुकान
सायबू की साइकिल, हरनाम सिंह की बैलगाड़ी
जिसमें लटक लिया करते थे हम कभी-कभार
स्कूल आते-जाते
विक्टोरिया के सिक्के की तरह
ग़ायब हो जाएगा एक कैथलीघाट लोगों के ज़हन से
जैसे गायब हो रही आदमी की टाँगों से धोती
ग़ायब हो रही गुलेल
गायब हो रहे हैं खाना चित्ति के घर
ग़ायब हो रही है हँसी
ग़ायब हो रही है राग की आग
मेरे देखते ही देखते गायब हो गयी-
बच्चों के बस्तों से तख्ती-स्लेट, कलम-दवात
चूल्हे का धुआँ, हुक्के की गड़गड़ाहट
काँसे की थाली, कोदे की रोटी
कौणी का भात, घराट का आटा
मटके का पानी, अंजीर का साग
जैसे पुस्तकों से उड़ गये ऋ, लृ के अक्षर
उड़ गया महाकाव्य
उसी तरह
ग़ायब हो जाएगा एक दिन-
कैथलीघाट
मुझे पूरा यकीन है
उसका कसूर है बस इतना-
वह पैदा हुआ एक राष्टीय राजमार्ग पर
उसके पास है अपना छोटा-सा रेलवे स्टेशन
अपना छोटा-सा विलायती इतिहास
उसके पास है अपना पानी, अपना जंगल
अपने खेत अपना गाँव
उसके पास है स्वर्ग की छतरी की छाँव।