भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कैरम बोर्ड / इब्बार रब्बी
Kavita Kosh से
काली और सफ़ेद गोट
हमेशा लड़ती नहीं रहेंगी
अलग-अलग नहीं रहेंगी
’क्वीन’ का साम्राज्य डूबेगा
चार पाकेटॊं के समुद्र में
लाशें नहीं उतराएंगी
काली और सफ़ेद।
रचनाकाल : 1976