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कैसा युग है यह / सुशान्त सुप्रिय
Kavita Kosh से
कैसा युग है यह
जब कुत्तों के नाम
जॉनी और जैकी हैं
जबकि इंसान
कुत्ते की तरह
दुम हिला रहा है
जब खुद पिंजरे में बैठा तोता
आपके बारे में
भविष्यवाणी कर रहा है
जब सूखे हाथ
मोटे लोगों की
मालिश कर रहे हैं
जब आपके ऑफ़िस में
कूड़ेदान हैं
जबकि कुछ ग़रीब बच्चों के लिए
कूड़ेदान ही ऑफ़िस है