कैसे कैसे हादसे सहते रहे फिर भी हम जीते रहे हँसते रहे उसके आ जाने की उम्मीदें लिए रास्ता मुड़ मुड़ के हम तकते रहे वक़्त तो गुज़रा मगर कुछ इस तरह हम चराग़ों की तरह जलते रहे कितने चेहरे थे हमारे आस-पास तुम ही तुम दिल में मगर बसते रहे