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कैसे बनूँ? / बोधिसत्व
Kavita Kosh से
तुम्हारी आँख का काजल बनने के लिए
मैं राख होना चाहता हूँ
यदि तुम मुझे माँग में भरो तो
बताओ कि मैं तुम्हारी सिन्दूरदानी में कैसे बसूँ
सिक्का या सिन्दूर बन कर
यदि तुम्हारा दम घुट रहा हो तो
तुम्हारी साँस-साँस बन सकता हूँ
लेकिन बताओ तो भला कैसे बनूँ
यदि मुझे बनना हो कुछ और
तो भी बताओ क्या-क्या बनूँ
कैसे बनूँ ?
तुम्हारे लिए।