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कोई ऐसा शब्द दो-कविता / गोबिन्द प्रसाद


हमें
कोई ऐसा शब्द दो
जो कविता से ज़्यादा
हमारे समय के काम आए

कोई ऐसा शब्द दो
जो कवियों से ज़्यादा
धरती को भाए
उस आकाश को सुहाए

जो सदियों से ख़ाक छानता है!
हमें कोई ऐसा शब्द दो