भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कोई क्या जाने बाँकपन के यह ढंग / यगाना चंगेज़ी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कोई क्या जाने बाँकपन के यह ढंग।

सुलह दुश्मन से और दोस्त से जंग॥


क्या ज़माना था कैसे दुश्मन थे?

रात भर सुलह और दिन भर जंग॥


संगे-दिल को बना दूँ देवता मैं।

आप क्या जानें बन्दगी के ढंग?