भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कोई देखला हो भाय / अंगिका लोकगीत

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

कोई देखलोॅ हो भाय कोई देखलोॅ हो भाय
भोला दिगम्बर बम जोगी

कथी के रोॅ उखड़ी कथी मुसराय कौनोॅ नचाबै आपन भतार
कोई देखलोॅ हो भाय कोई देखलोॅ हो भाय
भोला दिगम्बर बम जोगी

आमोॅ के रोॅ उखड़ी बेली मुसराय
गौराँ नचाबै आपन भतार कोई देखलोॅ हो भाय कोई देखलोॅ हो भाय
भोला दिगम्बर बम जोगी