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कोऊ दिन उठ गयो मेरा हाथ / खड़ी बोली
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					   ♦   रचनाकार: अज्ञात
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कोऊ दिन उठ गयो मेरा हाथ 
बलम तोहे ऐसा मारूँगी 
ऐसा मारूँगी बलम तोहे ऐसा मारूँगी 
चकला मारूँ, बेलन मारूँ, फुँकनी मारूँगी
जो बालम तेरी मैया बचावै 
वाकी चुटिया उखाड़ूँगी 
थाली मारूँ, कटोरी मारूँ, चम्मच मारूँगी 
जो बालम तेरी बहना बचावै
वाकी चुनरी फाड़ूंगी 
लाठी मारूँ डंडा मारूँ थप्पड़ मारूँगी 
जो बालम तेरो भैया बचावै 
वाकी मूँछे उखाड़ूँगी
	
	