पँवारी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
कोनसी बाई को बाहुड़ला उजाय ओ
दिनऽ चल्यो राही राछोड़ो- गोविन्दा
कविता बाई को बाहुड़ला उजाय ओ
दिनऽ चल्योराही राछोड़ो- गोविन्दा
एनी दुर्गाबाई को बाहुड़ला उजाय ओ
दिनऽ चल्यो राही राछोड़ो- गोविन्दा
कोनसी बाई को बाहुड़ला उजाय ओ
दिनऽ चल्यो राही राछोड़ो- गोविन्दा
मैना बाई को बाहुड़ला उजाय ओ
दिनऽ चल्यो राही राछोड़ो- गोविन्दा
कोनसी बाई को बाहुड़ला उजाय ओ
दिनऽ चल्यो राही राछोड़ो- गोविन्दा