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कोन राय बोवय जोंधरी, मऽरोऽ साँवरिया ओ / पँवारी
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पँवारी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
कोन राय बोवय जोंधरी, मऽरोऽ साँवरिया ओ
कोन दारी राखन जाय मऽरीऽ साँवरिया ओ
भैय्या राय बोवय जोन्धरी मऽरोऽ साँवरिया हो
समदन दारी राखन जाय मऽरीऽ साँवरिया ओ
अच्छी राखजो जोंधरी मऽरी साँवरिया ओ
चिड़िया चुन-चुन खाय मऽरीऽ साँवरिया ओ
चिड़िया चुन-चुन खाय मऽरीऽ साँवरिया ओ
अच्छी मारजो गोफन मऽरीऽ साँवरिया ओ
चिड़िया उड़-उड़ जाय।
असीऽ फेरजो गोफन, मऽरीऽ साँवरिया ओ
गोफन गरज-गरज रह्य जाय मऽरी साँवरिया ओ
गोफन गरज-गरज रह्य जाय मऽरी साँवरिया ओ।।
कोन दारी राखन जाय, मऽरी साँवरिया ओ
कोन राय बोवय जोंधरी, मऽरी साँवरिया ओ।।