भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कोयला खदान / राधेश्याम चौधरी
Kavita Kosh से
ललमटिया मेॅ कोयला खान छै
देशोॅ रोॅ शान छै।
ई.सी.एल. रोॅ जान छै
उत्पादन ढेर करै रोॅ फरमान छै।
एन.टी.पी.सी. फरक्का,
आरो कहल गॉव रोॅ पहचान छै।
बिजली सगरोॅ दै छै हरदम
एशिया महादेश मेॅ पहिलोॅ स्थान छै।
पहाड़ों सेॅ चारों ओर घिरलोॅ स्थान छै
चहूँ ओर राजमल कोयला परियोजना रोॅ गुणगान छै।
बड़का-बड़का कोयला रोॅ चट्टान छै,
जिंनगी जियै रोॅ ‘बरदान’ छै।