भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कोयल कारी-कारी देखोॅ / दिनेश बाबा

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कोयल कारी-कारी देखोॅ
फुदकै डारी-डारी देखोॅ
कुहू कुहू बोलै कोयलिया
कत्ते लगै पियारी देखोॅ
गोटा फूलोॅ के साड़ी में
धरती लगै नियारी देखोॅ
बाबा के कन्हा पर नूनू
घुमलै धान, केतरी देखोॅ
जलभरनी लपकी कनियां के
लागे नैन कटारी देखोॅ
चतुराई में मतर कोयलिया
छै कौव्वा पर भारी देखोॅ
बाबां परती खेत जोतलकै
बौग केरोॅ तैयारी देखोॅ