भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कोरी कोरी चांदी की कांगणी / हरियाणवी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कोरी कोरी चांदी की कांगणी घड़ाई ऊपर जड्या नगीणा,
हो मन्नै तेरी सोंह।
कोरी कोरी चांदी की कांगणी घड़ाई खद्दर की साड़ी बांधी,
हो मन्नै तेरी सोंह।
कोरी कोरी चांदी की कांगणी घड़ाई अमर रहे बापू गांधी,
हो मन्नै तेरी सोंह।