भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कोशिशें कामयाब होती हैं / ब्रह्मजीत गौतम

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कोशिशें कामयाब होती हैं
मुश्क़िलों का जवाब होती हैं

आदमी, आदमी नहीं रहता
आदतें जब ख़राब होती हैं

ज़िन्दगी की दुरूह राहों में
आफ़तें बेहिसाब होती हैं

साँस उनकी कभी नहीं थकती
मंज़िलें जिनका ख़्वाब होती हैं

लाख चालाकियाँ करें कोई
एक दिन बेनक़ाब होती हैं

सीरतें जो भी हों हसीनों की
सूरतें लाजवाब होती हैं

मुँह से बेशक वे कुछ नहीं कहते
उनकी आँखें किताब होती हैं

बोल उनके महकते हैं, जिनकी
भावनाएँ गुलाब होती हैं

‘जीत’ हम चाह क्यों करें मय की
उनकी नज़रें शराब होती हैं