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कोशिशें चाहे हम हजार करें / प्रताप सोमवंशी
Kavita Kosh से
कोशिशें चाहे हम हजार करें
मुश्किलें घर पे इंतजार करें
ये मुसाफिर किधर से अब जाएं
रास्ते-रास्तों पे वार करें
बस इक सवाल लेके सब घूमें
ये बता किस पे ऐतबार करें
उनको मालूम है जो शिकार हुए
चाहतें हमको हैं बीमार करें