Last modified on 17 सितम्बर 2008, at 22:38

कौंन भगति थैं रहै प्यारे पांहुनौं रे / रैदास

।। राग धनाश्री।।
  
कौंन भगति थैं रहै प्यारे पांहुनौं रे।
धरि धरि देखैं मैं अजब अभावनौं रे।। टेक।।
मैला मैला कपड़ा केताकि धोउँ, आवै आवै नींदड़ी कहाँ लौं सोऊँ।।१।।
ज्यूँ ज्यूँ जोड़ौं त्यूँ त्यूँ फाटे, झूठे से बनजि रे उठि गयौ हाटे।।२।।
कहैं रैदास पर्यौ जब लेखौ, जोई जोई कीयौ रे, सोई सोई देखौ।।३।।