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कौने लत पर / नवीन निकुंज

कौने लत पर नजर लगाय जाय छै
फरलोॅ जीरी भी बनरयाय जाय छै।
सामना रक्खी दौ सिहांसन जों
तनलोॅ होलोॅ भी धुधुरयाय जाय छै।
तोरौ विश्वास नै होथौं मतरकि सच्चे छै
धरलोॅ-धरलोॅ कभी पन्नो ठो मुचरयाय जाय छै।
मूर मागै नै छै हमरा सें कभी भी वैनेॅ
सुद दोबरा करी सब्भे टा बस उघाय जाय छै।
दिल नवीनें हेनोॅ ही पैलेॅ छै कुछ
दोस्त के बीच नै दुश्मन में भी बँटाय जाय छै।