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कौन-सी लाचारी / अज्ञेय
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कौन-सी लाचारी से नाल पर,
खिली यह कली
फूलदान में-
मूल से कटी हुई?
वही क्या हम में नहीं हैं
जो काल के डंठल पर,
खिल रहे हैं
अनादि कूल से कटे?
बर्कले (कैलिफ़ोर्निया), मई, 1969