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कौन किसके काम आए क्या पता है / कैलाश झा ‘किंकर’
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कौन किसके काम आए क्या पता है
किसके लब पर नाम आए क्या पता है।
हर तरफ़ संघर्ष का है बोलवाला
दिल को कब आराम आए क्या पता है।
काम को पहले ही निबटाना है अच्छा
उनका कब पैग़ाम आए क्या पता है।
मस्तमौला कि तरह हर काम करता
जाने कब घर श्याम आए क्या पता है।
इम्तिहाँ अच्छी गयी इस बार की पर
ठीक से परिणाम आए क्या पता है।