भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कौन सच्चा कौन झूठा / समझदार किसिम के लोग / लालित्य ललित

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

 
क्यों बोले
हम झूठ
जब पहले से ही पता है
कि
यह बस यहां नहीं रूकती
क्यों बताएं
कि जजमान
आपका टाइम खराब है
या
आप किसी मुकदमे में
बीसियों साल
घसीटे जाओगे
बता के
क्या
पिटना है
यह
अपने को जमता नहीं
वैसे भी
असली खट्टा मिलता कहां है
जो जमेगा
दही बाजार से ही लाना
ब्रांडेड
श्रीमती पसरी पसरी
ही पुकारे थी
(पसलियों के दर्द से दुखी थी)
कृपया अन्यथा ना लें
यदि
ले भी लेंगे
तो
हमारी बला से
क्या फरक पड़ता है
क्यों बोले झूठ जब
पता है
कि सच्चा यहां कोई नहीं