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कौन है धूप-सा छाँव-सा कौन है / हस्तीमल 'हस्ती'

कौन है धूप-सा छाँव-सा कौन है
मेरे अंदर ये बहरूपिया कौन है

झूठ की शाख़ फल-फूल देती नहीं
सोचना चाहिए सोचता कौन है

एक तदबीर है एक तक़्दीर है
ज़ीस्त का सारथी क्या पता कौन है

आँख भीगी मिले नींद में भी मेरी
मुझमें चुपचाप ये भीगता कौन है

अपने बारे में `हस्ती' कभी सोचना
अक्स किसके हो तुम आईना कौन है