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क्या करते हैं, होता क्या है / रविकांत अनमोल

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क्या करते हैं, होता क्या है
और न जाने सोचा क्या है

चेहरों पर चेहरे सौ परतें
जाने किस में कितना क्या है

किरचें चुभती हैं सीने में
ये मत पूछो टूटा क्या है

मैं क्या हूँ क्या हो सकता हूँ
उसने मुझ को समझा क्या है

तुम मुझ को मैं तुम को कोसूँ
छोड़ो इसमें रक्खा क्या है