क्या करेगी चांदनी / हुल्लड़ मुरादाबादी
चांद औरों पर मरेगा क्या करेगी चांदनी
प्यार में पंगा करेगा क्या करेगी चांदनी
चांद से हैं खूबसूरत भूख में दो रोटियाँ
कोई बच्चा जब मरेगा क्या करेगी चांदनी
डिग्रियाँ हैं बैग में पर जेब में पैसे नहीं
नौजवाँ फ़ाँके करेगा क्या करेगी चांदनी
जो बचा था खून वो तो सब सियासत पी गई
खुदकुशी खटमल करेगा क्या करेगी चांदनी
दे रहे चालीस चैनल नंगई आकाश में
चाँद इसमें क्या करेगा क्या करेगी चांदनी
साँड है पंचायती ये मत कहो नेता इसे
देश को पूरा चरेगा क्या करेगी चांदनी
एक बुलबुल कर रही है आशिक़ी सय्याद से
शर्म से माली मरेगा क्या करेगी चांदनी
लाख तुम फ़सलें उगा लो एकता की देश में
इसको जब नेता चरेगा क्या करेगी चांदनी
ईश्वर ने सब दिया पर आज का ये आदमी
शुक्रिया तक ना करेगा क्या करेगी चांदनी
गौर से देखा तो पाया प्रेमिका के मूँछ थी
अब ये "हुल्लड़" क्या करेगा, क्या करेगी चांदनी