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क्या कहा ? / पूनम गुजरानी
Kavita Kosh से
गाँव से आ रहे हो।
मेरे लिए लेते आना
घर के मोङ पर बैठे
आधा दर्जन दादाओं की
झोली भर दुआएँ।
बाजार से ले आना
खट्टे मीठे लाल पीले
मुठ्ठी भर बेर।
लेते आना
मास्टर की फटकार
दादी का ओलंभा
भुआ का गुस्सा
दोस्त का उपालंभ
वर्षों हो गए
शहर की नकली मिठास से
मुझे शुगर हो चली है।