भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

क्या क्या हैं एजाज़ ग़ज़ल के / 'उनवान' चिश्ती

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

क्या क्या हैं एजाज़ ग़ज़ल के
आँचल ढलके सागर छलके

तंज़ मोहब्बत पर आसाँ है
देखो तो इस आग में जल के

यूँ हैं ख़ुशी पर ग़म के साए
रू-ए-सहर पर जैसे धुँदलके

चश्‍म-ए-हक़ीक़त-बीं से देखो
काँटे हैं फूलों से हलके

वो आए या बिजली चमकी
देख रहा हूँ आँखें मल के

उफ़ वो तेरी रंगीं अदाएँ
जैसे हसीं अशआर ग़ज़ल के

गुलशन में पिंहाँ है बयाबाँ
देख रूख-ए-तस्वीर बदल के

‘उनवाँ’ अज़्म-ए-तर्क-ए-मोहब्ब्त
ज़ीस्त में गोया ख़्वाब अजल के