क्या क्वे बिसरी सकदों / अश्विनी गौड 'लक्की'
मकान्यू मा तिबार
ख्वोली परो संगाड
चुळा मा भड्डू
लगुला परो कद्दू
उजाडयू की गाळी
ब्यो बरात्यू मगे स्याळी
हळया बळदों पाळी
वखळा मुगे मरचे डाळी
रे अल्मोडे रेमूडि
रौंतेलि सार गौं कि कूडी
संगुडि सजिलि बाट्टि
गौं का मूडी।
स्योळा लप्पू बटी जूडी
सचि बोला क्या तुम्हारा सुपिन्यू मा नि औंदि।
हल लंदि दौ निकलदू
अंण्वा फळोटू
घर्यो ल्वोण
पीसदू सिलोटू
भैजी बरात मगे फोटू
माळा पतग्गा पुडखा पत्तला
चुला मा उमलदा चा का कितला
अंधघोर रातों काखडी चोरी
बेलबूटम पेंटो सिलै अर म्वोरी
क्या क्वे बिसरी सकदों--- तुमी बोला दों
नेतों की कोरी छवी बथ
विकास न यथ न वथ
द्यवतो की झडाक
गौं मा मौं जु सबसे लडाक
क्या क्वे बिसरी सकदों--- तुमी बोला दों
मेळा मगे जलेबी रस्यांण
हयूंदा मैनो निवतू दसांण
रम्कदा झम्कदा तंगतंगी दरवळ्यूं च्वोट्टि
भूखा हळया अग्वाडि र्वोटि।
क्या क्वे बिसरी सकदों--- तुमी बोला दों
बोली भाषा जु ब्वे की सीखाई
अंगुलि पकड़ी बाट्टी जु बाबाजी कि दिखाई
दगडयूं दगडि जु दिन बितैन
यर्रा अब सि पुराणि छवी ह्वैन।
क्या क्वे बिसरी सकदों--- तुमी बोला दों