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क्या मैं कोई गुनाह करता हूँ / सुशान्त सुप्रिय
Kavita Kosh से
क्या मैं कोई गुनाह करता हूँ
यदि
पत्थरों से माँगता हूँ
चिंगारी भर आग
तितली से माँगता हूँ
चुटकी भर रंग
महबूबा से माँगता हूँ
विश्वास भर प्रेम
शिशुओं से माँगता हूँ
स्मृति भर किलक
पूर्वजों से माँगता हूँ
पृथ्वी की तबाही के लिए क्षमा
क्या मैं कोई गुनाह करता हूँ
यदि
मछलियों से माँगता हूँ
तैरने का राज
कोयल से माँगता हूँ
गीत का अंदाज़
साहित्य से माँगता हूँ
जीवन का साज़