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क्या लिखूं मूल कुमाउनी कविता / नवीन जोशी 'नवेंदु'
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क्या लिखूं (मूल कुमाउनी कविता)
कि दि सकूं मिं
कैकैं लै ?
वी,
जि-
मकें मिलि रौ
दुनीं बै।
कि सु नई सकूं मिं
कैकैं लै ?
वी,
जि-
पढ़ि-सुणि-गुणि
राखौ यैं बै।
कि ल्येखि सकूं मिं
त्वे हुं ?
वी,
जि-
त्वील, कि कैलै
कत्ती-कबखतै
कौ हुनलै
कि ल्यख हुनल
जरूड़ै।
अतर-
कॉ बै ल्यूंल मिं
के, तुकैं दिंण हुं,
कि सुणूंल तुकैं नईं ?
कि ल्यखुंल त्वे हुं
अलगै
य दुनी है !
मिं के परमेश्वर जै कि भयूं ।