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क्या हुआ जो अकाल है यारो / हरेराम समीप
Kavita Kosh से
क्या हुआ जो अकाल है यारो
शेयरों में उछाल है यारो
ये सियासी कमाल है यारो
झूठ अब मालामाल है यारो
गोश्त खाते हैं जिन परिंदों का
उनकी बस देखभाल है यारो
जो गरीबों का है मसीहा आज
घर उसी का विशाल है यारो
वो जो शक बो रहा था लोगों में
बन गया राज्यपाल है यारो
मेरे घर आग से नहीं खेलो
घर में सूखी पुआल है यारो