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क्या हैं स्त्रियाँ? / मंजुश्री गुप्ता
Kavita Kosh से
त्याग ही नहीं
इच्छा और आकांक्षा भी
मुस्कान ही नहीं
आंसू और ईर्ष्या भी
तन ही नहीं
मन और भावना भी
भोग्या ही नहीं
जननी और भगिनी भी
कामना ही नहीं
प्रेम और ममता भी
रति ही नहीं
दुर्गा और सरस्वती भी
स्त्रियाँ...
देवी या डायन नहीं
मनुष्य हैं
सिर्फ मनुष्य!