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क्या है और क्या पास नहीं है / सर्वत एम जमाल
Kavita Kosh से
क्या है और क्या पास नहीं है
लोगों को एहसास नहीं है।
आईनें बोला करते हैं
चेहरों को विश्वास नहीं है.
हमने भी जीती हैं जंगें
यह सच है, इतिहास नहीं है।
थोड़ा और उबर के देखो
जीवन कारावास नहीं है।
बाहर तो सारे मौसम हैं
आँगन में मधुमास नहीं है।
इक जीवन , इतने समझौते
हमको बस अभ्यास नहीं है।