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क्यों? / अशोक वाजपेयी
Kavita Kosh से
सुबह क्यों दस्तक दे
मेरे दरवाज़े उसके बिना?
सूरज क्यों झाँके
मेरी खिड़की में उसके बिना?
चाँदनी क्यों घुसे
मेरे बिस्तर में उसके बिना?
रात क्यों घेरे
मुझे अँधेरे में उसके बिना?