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क्योंकि हमारी मौतें उतनी नहीं थीं / नीलोत्पल

क्योंकि हमें बहुत दूर जाना था
हमारे पास अनुभव थे

शब्द जिनमें रहकर
हम तय कर सकते थे
अपनी आज़ादी और सीमाएँ

रंगों की उपस्थिति में
खींच सकते थे
जीवन की सही तस्वीर

सत्ताएँ जब लांघ रही थीं
न्याय और सच
हमें सुलगा लेनी थी मशाल

संघर्ष और तकलीफ़ें
जिनसे हासिल थे रास्ते
करनी थी शुरूआत

हमें भटकना था जंगलों में
उतारनी थी पाषाण पर हँसी
नदी की तरह मथकर होना था
चट्टानों के पार

दरख़्तों से छूटकर
रहना थ एक पत्ता गवाही

किसी भी वक़्त के लिए
हम तैयार होते

आज बिखरते जिन चीज़ों में
हमारी आत्माएँ रोती हैं
उनके खि़लाफ़ हमारी मौतें होनी थीं

पत्थरों पर आई खरोंचों में
पानी बोलता है
अपने बहने का ढंग

क्योंकि हमें बहुत दूर जाना था
हमारी मौतें उतनी नहीं थीं
हमारे पहुँचने का ढंग
नहीं था पानी जैसा