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क्यों राज करेंगे वे / विजयशंकर चतुर्वेदी

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सबसे पहले लग जाएँगी फलियों में इल्लियाँ
फिर घुनेगा गेहूँ
फुस्स हो जाएगी हवा
लुप्त हो जाएगी हवा
लुप्त हो जाएँगे पशु-पक्षी
 पेड़ चल देंगे किसी अज्ञात दिशा में
हरियाली छोड़ देगी हरा रंग
जब राज करेंगे वे
ध्वस्त कर दी जाएँगी ऐतिहासिक इमारतें
पुरखों के बनाए मकान ज़मींदोज़ होंगे
प्रमाणों के अभाव में पाट दिए जाएँगे
तालाब वह कुछ नहीं होगा जो उन्हें नहीं है पसन्द
मछली की गन्ध तक नहीं रहेगी फिज़ाँ में

इत्र बेचने वाले होंगे गिरफ़्तार
सँभालना मुश्किल होगा उनका
 जो अब तक खड़े रहे हैं इतिहास मे
 क़ैद कर ली जाएँगी गर्भवती स्त्रियाँ
ताकि पैदा न हो सके
भूख और भाषा के लिए लड़नेवाली नस्ल

जो कम हैं तादाद में
कर दिए जाएँगे नेस्तनाबूद
जब राज करेंगे
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क्यों राज करेंगे वे?