क्वी क्या करू / सुन्दर नौटियाल
तन्नी ब्याळि, तन्नी आज, तन्नि भोळ होणु जब
हम बि र्वै, नौनों बि रोणु, नात्योंन इन्नी रोणु जब,
वौन बि लूची, तुम बि खौ, समाज जख का तखि रौ
तुमारी नीति हमारी आपबीती, जुगु बटीन इकजसी हो
त क्वी क्या करू रे, क्वी क्या करू ?
आकाश मा देखणा रांै क्वी बादळ त बरखलू -2
आयां बादळ उड़ै ली जौ, क्वी बथौं
त क्वी क्या करू रे, क्वी क्या करू ?
हाड तोड़ी, माटू फोड़ी, बीज ब्वै त द्यो किसाण -2
फसल तैं जब पुंगड़ी ही, घुळी जौ
त क्वी क्या करू रे, क्वी क्या करू ?
तुमार हात सौंपी लाज, बणौण भविष्य, सुधान कु आज -2
जोंक बणि तु बि ल्वै, चुसदि रौ
त क्वी क्या करू रे, क्वी क्या करू ?
तुमारि बात सुणि दिन-रात, सुपिना बि द्यखदी रौं हम-2
पोटकी कि भूक सेण ही, न द्यौ
त क्वी क्या करू रे, क्वी क्या करू ?
अपड़ी भूक, प्यास, पीड़ा, दांत कीटी बिसरी जौं हम -2
पीढ़ियों कु भविष्य दांव पर लग्यूं हो
त क्वी क्या करू रे, क्वी क्या करू ?
सबि कोई उतलाणा छ तुमारि बगदि बयार मा-2
सूख्यां पतेला बणि सब, उड़दि रौं
त क्वी क्या करू रे, क्वी क्या करू ?