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क्षणिका / लीना मल्होत्रा
Kavita Kosh से
एयर-कन्डीशनर की
थोड़ी-सी हवा चुरा के रख दी है
मैंने
तुम्हारी पसंदीदा क़िताबों में
जब
ज्येष्ठ की दुपहरी में
बत्ती गुल हो जाएगी
और
झल्ला कर खोलोगे
तुम क़िताब
तो तुम्हे ठंडी हवा आएगी